ऑर्गेनिक खेती कैसे करें: 2025 में भारत में जैविक खेती शुरू करने की पूरी जानकारी | How to do Organic Farming
भारत में ऑर्गेनिक खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है, क्योंकि यह न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि किसानों को बेहतर आय और स्वास्थ्यवर्धक फसलें प्रदान करती है। ऑर्गेनिक खेती रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग के बिना प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके की जाती है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम ऑर्गेनिक खेती कैसे करें, इसके लाभ, और शुरू करने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड के बारे में विस्तार से बताएंगे।
ऑर्गेनिक खेती क्या है?

ऑर्गेनिक खेती एक ऐसी खेती पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों, और GMO (जेनेटिकली मोडिफाइड) बीजों का उपयोग नहीं किया जाता। इसके बजाय, गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट, नीम तेल, और जैविक कीटनाशकों का उपयोग होता है। भारत में परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) और राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) जैसी योजनाएं ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देती हैं। 2025 तक, भारत का लक्ष्य जैविक खेती के तहत क्षेत्र को 50% तक बढ़ाना है।
ऑर्गेनिक खेती के लाभ
ऑर्गेनिक खेती शुरू करने से पहले इसके फायदों को समझना जरूरी है:
- पर्यावरण संरक्षण: मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और जल प्रदूषण कम होता है।
- स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद: रासायनिक मुक्त फसलें उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित होती हैं।
- बाजार में मांग: ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जिससे किसानों को बेहतर कीमत मिलती है।
- कम लागत: लंबे समय में जैविक खाद और कीटनाशकों की लागत रासायनिक विकल्पों से कम होती है।
- सरकारी सहायता: PKVY और NMNF जैसी योजनाएं प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
ऑर्गेनिक खेती कैसे करें: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
ऑर्गेनिक खेती शुरू करना आसान है, बशर्ते आप सही कदम उठाएं। नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
1. मिट्टी की जांच और तैयारी
- मिट्टी परीक्षण: नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में मिट्टी की उर्वरता और पोषक तत्वों की जांच कराएं।
- जैविक खाद: गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट, या हरी खाद (जैसे ढैंचा, मूंग) का उपयोग करें।
- मिट्टी की उर्वरता बढ़ाएं: फसल चक्रण (Crop Rotation) और मिश्रित खेती अपनाएं ताकि मिट्टी स्वस्थ रहे।
2. प्रमाणित जैविक बीज चुनें
- प्रमाणित बीज: NPOP (National Programme for Organic Production) प्रमाणित बीज खरीदें।
- स्थानीय किस्में: देसी बीज, जैसे देशी गेहूं, धान, या सब्जियां, ऑर्गेनिक खेती के लिए उपयुक्त हैं।
- स्रोत: स्थानीय जैविक किसानों, KVK, या organicindia.com जैसे पोर्टल से बीज प्राप्त करें।
3. जैविक खाद और उर्वरक का उपयोग
- गोबर खाद: गाय, भैंस, या अन्य पशुओं का गोबर 6-8 महीने तक सड़ाकर उपयोग करें।
- वर्मीकम्पोस्ट: केंचुओं की मदद से जैविक खाद तैयार करें। लागत: 5,000-10,000 रुपये प्रति टन।
- हरी खाद: सनई, ढैंचा, या लोबिया जैसी फसलों को उगाकर मिट्टी में मिलाएं।
- जैव उर्वरक: राइजोबियम, अजोटोबैक्टर, और फॉस्फेट सॉल्यूबिलाइजिंग बैक्टीरिया (PSB) का उपयोग करें।
4. प्राकृतिक कीट प्रबंधन
- नीम तेल: कीटों को भगाने के लिए नीम तेल (5 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करें।
- जैविक कीटनाशक: गौमूत्र (10% घोल) या नीम की पत्तियों का काढ़ा उपयोग करें।
- सहफसली खेती: मक्का के साथ मूंग या गेंदा उगाकर कीटों को नियंत्रित करें।
- जाल और फेरोमोन ट्रैप: कीटों को पकड़ने के लिए फेरोमोन ट्रैप लगाएं।
5. सिंचाई और जल प्रबंधन
- ड्रिप सिंचाई: पानी की बचत के लिए ड्रिप या स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग करें। प्रधानमंत्री कृष “‘आपके सवाल’” योजना के तहत सब्सिडी उपलब्ध है।
- मल्चिंग: पुआल या सूखी पत्तियों से मल्चिंग करें ताकि नमी बनी रहे।
- वर्षा जल संचय: खेत में छोटे तालाब बनाकर बारिश के पानी का संग्रह करें।
6. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं
- परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY): जैविक खेती के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणन, और वित्तीय सहायता।
- राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF): प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 2025 तक विस्तारित।
- आवेदन: naturalfarming.dac.gov.in या स्थानीय कृषि कार्यालय से संपर्क करें।
- सब्सिडी: जैविक खाद इकाइयों और प्रशिक्षण के लिए 50% तक सब्सिडी।
7. जैविक प्रमाणन प्राप्त करें
- प्रमाणन: NPOP या PGS (Participatory Guarantee System) के तहत जैविक प्रमाणन लें।
- प्रक्रिया: नजदीकी प्रमाणन एजेंसी, जैसे APEDA, से संपर्क करें। लागत: 5,000-20,000 रुपये।
- लाभ: प्रमाणित उत्पादों को बाजार में बेहतर कीमत मिलती है।
8. बाजार और बिक्री
- स्थानीय बाजार: जैविक उत्पादों को स्थानीय मंडियों या जैविक स्टोर में बेचें।
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म: Jaivik Bharat जैसे पोर्टल पर अपने उत्पाद लिस्ट करें।
- FPO (किसान उत्पादक संगठन): FPO में शामिल होकर विपणन और ब्रांडिंग में सहायता लें।
ऑर्गेनिक खेती शुरू करने की लागत
- प्रारंभिक लागत: 10,000-50,000 रुपये प्रति एकड़ (मिट्टी की तैयारी, बीज, और खाद के लिए)।
- लंबी अवधि में बचत: रासायनिक उर्वरकों की तुलना में जैविक खाद की लागत 30-50% कम।
- वापसी: ऑर्गेनिक उत्पादों की कीमत सामान्य फसलों से 20-50% अधिक होती है।
सामान्य प्रश्न
1. ऑर्गेनिक खेती शुरू करने में कितना समय लगता है?
मिट्टी को पूरी तरह जैविक बनाने में 2-3 साल लग सकते हैं, लेकिन आप पहले साल से ही जैविक खेती शुरू कर सकते हैं।
2. क्या छोटे किसान ऑर्गेनिक खेती कर सकते हैं?
हां, छोटे और सीमांत किसान कम लागत में जैविक खेती शुरू कर सकते हैं, खासकर सरकारी योजनाओं की मदद से।
3. जैविक प्रमाणन जरूरी है?
नहीं, लेकिन प्रमाणन से उत्पादों को बेहतर बाजार और कीमत मिलती है।
अतिरिक्त टिप्स
- प्रशिक्षण लें: कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या ICAR के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल हों।
- स्थानीय किसानों से जुड़ें: ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों के समूह से अनुभव साझा करें।
- नवीनतम जानकारी: कृषि जागरण पर ऑर्गेनिक खेती के अपडेट्स देखें।
- फसल विविधता: एक ही खेत में कई फसलें उगाएं ताकि जोखिम कम हो।
निष्कर्ष
ऑर्गेनिक खेती न केवल पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाती है। ऊपर बताए गए चरणों का पालन करके आप आसानी से ऑर्गेनिक खेती शुरू कर सकते हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं, जैविक बीज और खाद का उपयोग करें, और अपने उत्पादों को सही बाजार में बेचें। आज ही अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या KVK से संपर्क करें और ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत करें!
क्या आप ऑर्गेनिक खेती शुरू करना चाहते हैं? अपने सवाल या अनुभव नीचे कमेंट में साझा करें और इस लेख को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें ताकि वे भी इस अवसर का लाभ उठा सकें!