कृषि यंत्र सब्सिडी लिस्ट 2025: भारत में किसानों के लिए उपलब्ध यंत्र और सब्सिडी की पूरी जानकारी | Krishi Yantra Subsidy List
भारत में खेती को आधुनिक और लाभकारी बनाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत कृषि यंत्र सब्सिडी प्रदान करती है। कृषि यंत्र सब्सिडी लिस्ट में शामिल उपकरण किसानों को कम लागत में आधुनिक मशीनें खरीदने में मदद करते हैं, जिससे बुआई, जुताई, और कटाई जैसे कार्य आसान और तेज हो जाते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम 2025 में उपलब्ध कृषि यंत्र सब्सिडी लिस्ट, इसके लाभ, और आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताएंगे।
कृषि यंत्र सब्सिडी योजना क्या है?

कृषि यंत्र सब्सिडी योजना केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संचालित एक पहल है, जो किसानों को ट्रैक्टर, रोटावेटर, सीड ड्रिल, और अन्य आधुनिक उपकरणों पर 40% से 80% तक सब्सिडी प्रदान करती है। इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और खेती की उत्पादकता बढ़ाना है। 2025 में, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और अन्य राज्यों में स्माम योजना (SMAM) और कृषि यंत्रीकरण कार्यक्रम के तहत कई यंत्रों पर सब्सिडी उपलब्ध है।
कृषि यंत्र सब्सिडी लिस्ट 2025
नीचे 2025 में विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी के लिए उपलब्ध प्रमुख कृषि यंत्रों की सूची दी गई है। यह सूची मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और बिहार जैसे राज्यों में लागू योजनाओं पर आधारित है।
1. ट्रैक्टर और पावर टिलर
- सब्सिडी: 40% से 50% (अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला किसानों के लिए 50%)।
- उपयोग: जुताई, बुआई, और परिवहन के लिए।
- लागत: 4-8 लाख रुपये (मॉडल पर निर्भर)।
- योजनाएं: स्माम योजना, मध्य प्रदेश कृषि यंत्र अनुदान योजना।
2. रोटावेटर
- सब्सिडी: 40% से 50%।
- उपयोग: मिट्टी की जुताई और फसल अवशेष प्रबंधन।
- लागत: 80,000 से 1.5 लाख रुपये।
- योजनाएं: राजस्थान किसान साथी योजना, उत्तर प्रदेश कृषि यंत्र योजना।
3. सीड ड्रिल/सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल
- सब्सिडी: 50% तक।
- उपयोग: बीज और उर्वरक की समान बुआई।
- लागत: 50,000 से 1 लाख रुपये।
- योजनाएं: स्माम योजना, बिहार OFMAS योजना।
4. हैप्पी सीडर/सुपर सीडर
- सब्सिडी: 45% से 55%।
- उपयोग: फसल अवशेष प्रबंधन और जीरो-टिल बुआई।
- लागत: 1.5 लाख से 2.5 लाख रुपये।
- धरोहर राशि: 4,500 रुपये (मध्य प्रदेश)।
5. चॉप कटर (ट्रैक्टर/विद्युत चलित)
- सब्सिडी: 45% से 55%।
- उपयोग: चारा काटने और पशुपालन में सहायता।
- लागत: 50,000 से 1 लाख रुपये।
- योजनाएं: मध्य प्रदेश कृषि यंत्र अनुदान योजना।
6. मल्टी क्रॉप थ्रेशर
- सब्सिडी: 50% तक।
- उपयोग: विभिन्न फसलों की थ्रेशिंग।
- लागत: 1 लाख से 2 लाख रुपये।
- योजनाएं: राजस्थान किसान साथी योजना।
7. डिस्क हैरो/डिस्क प्लाऊ
- सब्सिडी: 40% से 50%।
- उपयोग: मिट्टी की गहरी जुताई।
- लागत: 50,000 से 1.2 लाख रुपये।
- योजनाएं: उत्तर प्रदेश कृषि यंत्र योजना।
8. मिनी दाल मिल/मिलेट मिल
- सब्सिडी: 45% से 55%।
- उपयोग: दाल और श्री अन्न (मिलेट्स) का प्रसंस्करण।
- लागत: 50,000 से 1.5 लाख रुपये।
- योजनाएं: मध्य प्रदेश कृषि यंत्र अनुदान योजना।
9. ड्रोन (कृषि उपयोग के लिए)
- सब्सिडी: 50% तक।
- उपयोग: कीटनाशक छिड़काव और फसल निगरानी।
- लागत: 3-5 लाख रुपये।
- धरोहर राशि: 17,700 रुपये (मध्य प्रदेश)।
10. ग्राउंड नट डिकार्टिकेटर (शक्ति चलित)
- सब्सिडी: 45% से 55%।
- उपयोग: मूंगफली की प्रोसेसिंग।
- लागत: 50,000 से 1 लाख रुपये।
- योजनाएं: मध्य प्रदेश कृषि यंत्र अनुदान योजना।
सब्सिडी के लिए पात्रता
- किसान: छोटे, सीमांत, और सभी वर्ग के किसान पात्र हैं। अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला किसानों को प्राथमिकता।
- आयु: 18 वर्ष से अधिक।
- दस्तावेज: आधार कार्ड, जन आधार कार्ड (राजस्थान), जमाबंदी की नकल (6 महीने से पुरानी नहीं), ट्रैक्टर की RC (ट्रैक्टर चलित यंत्रों के लिए), बैंक खाता विवरण, और मोबाइल नंबर।
- शर्तें: एक किसान को एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 3 अलग-अलग यंत्रों पर सब्सिडी मिल सकती है।
आवेदन प्रक्रिया
कृषि यंत्र सब्सिडी के लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
ऑनलाइन आवेदन:
- अपने राज्य के आधिकारिक पोर्टल पर जाएं:
- मध्य प्रदेश: dbt.mpdage.org
- उत्तर प्रदेश: upagriculture.com
- राजस्थान: rajkisan.rajasthan.gov.in
- बिहार: farmech.bihar.gov.in
- पंजीकरण: आधार या जन आधार नंबर के साथ रजिस्टर करें।
- फॉर्म भरें: यंत्र, खेत, और बैंक विवरण दर्ज करें।
- धरोहर राशि: मध्य प्रदेश में कुछ यंत्रों के लिए डिमांड ड्राफ्ट जमा करना अनिवार्य है (उदाहरण: हैप्पी सीडर के लिए 4,500 रुपये, ड्रोन के लिए 17,700 रुपये)।
- दस्तावेज अपलोड करें: स्कैन किए गए दस्तावेज और डिमांड ड्राफ्ट अपलोड करें।
- सबमिट करें: आवेदन जमा करें और रसीद नंबर संभालकर रखें।
ऑफलाइन आवेदन:
- नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय, सहकारी समिति, या ई-मित्र केंद्र (राजस्थान) पर जाएं।
- आवेदन फॉर्म भरें और दस्तावेज जमा करें।
- धरोहर राशि (यदि लागू हो) का डिमांड ड्राफ्ट सहायक कृषि यंत्री के नाम से जमा करें।
- आवेदन की रसीद प्राप्त करें।
महत्वपूर्ण तारीखें:
- मध्य प्रदेश: कुछ यंत्रों के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 6 जनवरी 2025 तक बढ़ाई गई है।
- राजस्थान: 30 जून 2025 तक आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
- उत्तर प्रदेश: यंत्र बुकिंग की तारीखें upagriculture.com पर जांचें।
सब्सिडी योजना के लाभ
- कम लागत: यंत्रों की लागत का 40-80% सरकार वहन करती है, जिससे छोटे किसानों को लाभ होता है।
- उत्पादकता में वृद्धि: आधुनिक यंत्रों से बुआई, जुताई, और कटाई में समय और श्रम की बचत होती है।
- पर्यावरण संरक्षण: हैप्पी सीडर और सुपर सीडर जैसे यंत्र फसल अवशेष जलाने को कम करते हैं।
- आर्थिक सशक्तिकरण: विशेष रूप से अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला किसानों के लिए 50% तक सब्सिडी।
सामान्य प्रश्न
1. क्या सभी किसान इस योजना के लिए पात्र हैं?
हां, सभी वर्ग के किसान पात्र हैं, लेकिन अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला किसानों को प्राथमिकता दी जाती है।
2. धरोहर राशि क्या है?
मध्य प्रदेश में कुछ यंत्रों (जैसे ड्रोन, हैप्पी सीडर) के लिए धरोहर राशि जमा करनी होती है, जो चयन के बाद वापस हो सकती है।
3. सब्सिडी का पैसा कैसे मिलता है?
सब्सिडी राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से आपके बैंक खाते में जमा की जाती है।
अतिरिक्त टिप्स
- जल्दी आवेदन करें: सीमित लक्ष्य के कारण जल्दी आवेदन करें।
- पोर्टल की जांच करें: सब्सिडी कैलकुलेटर का उपयोग करके यंत्र की लागत और सब्सिडी की राशि की जानकारी लें।
- कृषि विभाग से संपर्क करें: स्थानीय कृषि कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र से मार्गदर्शन प्राप्त करें।
- विश्वसनीय विक्रेता: केवल पंजीकृत विक्रेताओं से यंत्र खरीदें, जैसे कि राजस्थान के राजकिसान साथी पोर्टल पर सूचीबद्ध विक्रेता।
निष्कर्ष
कृषि यंत्र सब्सिडी लिस्ट 2025 में शामिल उपकरण किसानों के लिए खेती को आसान, तेज, और किफायती बनाने का एक शानदार अवसर प्रदान करते हैं। ट्रैक्टर, रोटावेटर, ड्रोन, और चॉप कटर जैसे यंत्रों पर 40-80% सब्सिडी का लाभ उठाकर आप अपनी खेती को आधुनिक बना सकते हैं। आज ही अपने राज्य के आधिकारिक पोर्टल पर आवेदन करें और इस योजना का लाभ उठाएं। अधिक जानकारी के लिए कृषि जागरण या अपने जिले के कृषि कार्यालय से संपर्क करें।
क्या आपने इस योजना का लाभ लिया है? अपने अनुभव नीचे कमेंट में साझा करें और इस लेख को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें ताकि वे भी इस अवसर का लाभ उठा सकें!