मक्का की पैदावार कैसे बढ़ाएं: किसानों के लिए पूरी गाइड | Makka ki Paidawar Kaise Badhaye

मक्का की पैदावार कैसे बढ़ाएं: किसानों के लिए पूरी गाइड

Makka ki Paidawar Kaise Badhaye
Makka ki Paidawar Kaise Badhaye

भारत के लाखों किसान मक्का की खेती से अपनी रोज़ी-रोटी चलाते हैं। लेकिन अक्सर सवाल उठता है – मक्का की पैदावार कैसे बढ़ाएं? अगर आप भी मक्के की खेती करते हैं और हर सीजन में बेहतर उत्पादन चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। इसमें हम जानेंगे कि मक्के की फसल को ज़्यादा उपज देने वाली कैसे बनाएं — वो भी आसान और व्यावहारिक तरीकों से।


1. उन्नत किस्म के बीज चुनना है पहली ज़रूरत

सही बीज का चयन मक्के की फसल में 30-40% तक बढ़ोत्तरी कर सकता है। आजकल Hybrid बीजों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है।

सुझावित Hybrid मक्का बीज:

  • Bio-9637
  • Pioneer 3522
  • Monsanto 900M
  • Kaveri KMH-3712

ध्यान दें:

  • बीज खरीदते समय उनकी germination rate (अंकुरण क्षमता) ज़रूर चेक करें।
  • Certified seeds ही प्रयोग करें — स्थानीय कृषि केंद्र या Krishi Vigyan Kendra (KVK) से जानकारी लें।

2. खेत की तैयारी और सही समय पर बुवाई

मक्के की बुवाई का सही समय और खेत की तैयारी भी उपज में बड़ा फर्क डालती है।

खेत की तैयारी:

  • खेत को 2-3 बार हल चलाकर भुरभुरा बनाएं।
  • आखिरी जुताई के समय 5-7 टन गोबर की खाद ज़रूर डालें।
  • मिट्टी का pH 6.0 – 7.5 के बीच हो तो मक्के की फसल अच्छी होती है।

बुवाई का समय:

  • खरीफ मौसम: 15 जून से 15 जुलाई
  • रबी मौसम: 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर

Recommended spacing (बीजों की दूरी):

  • Row-to-row: 60 सेमी
  • Plant-to-plant: 20 सेमी

इस spacing से पौधों को sunlight और nutrients बेहतर मिलते हैं।


3. सिंचाई और जल प्रबंधन

मक्का की फसल को समय पर पानी देना बेहद ज़रूरी है, खासकर जब ये निम्नलिखित growth stages में हो:

मुख्य सिंचाई समय:

  1. Germination (अंकुरण) के समय
  2. Tasseling (बालियों का बनना)
  3. Silking (रेशे निकलना)
  4. Grain filling (दाने भरना)

अगर इन समयों में पानी की कमी हो जाए, तो उपज में भारी गिरावट हो सकती है।

Note: ज्यादा पानी देना भी नुकसानदायक होता है। Drip Irrigation या Sprinkler System का उपयोग करें।


4. कीट और रोग नियंत्रण (Pest & Disease Management)

मक्का की फसल में सबसे ज़्यादा नुकसान स्टेम बोरर, फॉल आर्मी वर्म (FAW) और लीफ ब्लाइट जैसी बीमारियों से होता है।

रोकथाम के लिए करें:

  • Neem Oil spray हर 10 दिन में एक बार करें।
  • फसल में Trichogramma कार्ड्स का उपयोग करें।
  • ज़रूरत पड़ने पर Emamectin Benzoate या Spinosad का छिड़काव करें (स्थानीय कृषि अधिकारी की सलाह से)।

अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट यहाँ पढ़ें


5. संतुलित उर्वरक का प्रयोग

मक्का की अच्छी पैदावार के लिए NPK (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश) संतुलन ज़रूरी है।

सामान्य Recommendation:

  • Nitrogen (N): 120 kg/ha
  • Phosphorus (P): 60 kg/ha
  • Potassium (K): 40 kg/ha

इन उर्वरकों को 3 किस्तों में दें:

  1. 25% बुवाई के समय
  2. 50% 30 दिन बाद
  3. 25% 50 दिन बाद

साथ ही, जिंक और बोरॉन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व भी दें ताकि पौधे स्वस्थ और हरे-भरे रहें।


6. मक्का की फसल की देखभाल के लिए ज़रूरी टिप्स

  • खरपतवार (Weeds) को 20-25 दिन के अंतराल पर निकालें।
  • Crop rotation करें — हर साल मक्के के बाद दूसरी फसल जैसे गेहूं या दालें उगाएं।
  • Harvesting सही समय पर करें, जब बालियाँ पूरी तरह सूख जाएं और दाने सख्त हो जाएं।

सारांश: मक्का की पैदावार बढ़ाने के लिए क्या करें

कदमकार्य
1Hybrid बीज का चयन
2खेत की सही तैयारी और spacing
3महत्वपूर्ण growth stages पर सिंचाई
4कीट नियंत्रण और जैविक उपाय
5संतुलित उर्वरक और micronutrients

FAQs

मक्का की अच्छी किस्म कौन सी है?

Bio-9637, Pioneer 3522 और Monsanto 900M जैसी Hybrid किस्में भारत में अधिक उपज देने वाली मानी जाती हैं।

फॉल आर्मी वर्म से कैसे बचें?

शुरुआती अवस्था में Neem Oil स्प्रे करें और जरूरत पड़ने पर जैविक कीटनाशक जैसे Spinosad का उपयोग करें।

मक्का की फसल को कितनी बार सिंचाई चाहिए?

फसल के मुख्य growth stages पर कम से कम 4 बार सिंचाई आवश्यक है।

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